12 मार्च 201812 मार्च 2018Literature in India TeamLeave a Comment on दिया है तो जलूँगा भी, जलूँगा तो बुझूंगा भी – प्रमोद तिवारी दिया है तो जलूँगा भी, जलूँगा तो बुझूंगा भी – प्रमोद तिवारी
16 सितम्बर 201716 सितम्बर 2017Literature in India Team प्राण तुम्हारी पदरज फूली – अज्ञेय पर 1 टिप्पणी प्राण तुम्हारी पदरज फूली – अज्ञेय
16 सितम्बर 201716 सितम्बर 2017Literature in India Team3 टिप्पणी उड़ चल हारिल – अज्ञेय में उड़ चल हारिल – अज्ञेय
17 जुलाई 201717 जुलाई 2017ABID HUSSAIN SHEIKH2 टिप्पणी ऐ भारत तेरी खातिर, हम खुदको मिटा देंगे । में ऐ भारत तेरी खातिर, हम खुदको मिटा देंगे ।
26 फरवरी 20171 सितम्बर 2017Literature in India Team रहें सलामत वतन हमारा, वतन का ही नाम हो पर 1 टिप्पणी रहें सलामत वतन हमारा, वतन का ही नाम हो
27 दिसम्बर 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम – रमाकांत अवस्थी चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम – रमाकांत अवस्थी
27 नवम्बर 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on साजन! होली आई है! साजन! होली आई है!
30 जुलाई 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on रिश्ते बस रिश्ते होते हैं – गुलज़ार रिश्ते बस रिश्ते होते हैं – गुलज़ार
30 जुलाई 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on दर्द दिया है – गोपालदास “नीरज” दर्द दिया है – गोपालदास “नीरज”
30 जुलाई 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on बढ़े चलो – जयशंकर प्रसाद बढ़े चलो – जयशंकर प्रसाद
17 अप्रैल 20166 जून 2017Literature in India Team साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना पर 1 टिप्पणी साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना
3 अप्रैल 20166 जून 2017Literature in India TeamLeave a Comment on कबहू उझकि कबहू उलटि ! कबहू उझकि कबहू उलटि !